लेखिका : डॉ० दीप्ति मिश्रा
प्रस्तुत द्वारा: चुन्नीलाल (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस)
मैंने हमेसा से इस बात पर जोर दिया है की बच्चे एक फूल की तरह होते हैं । यदि उन्हें सही environment ना मिले तो यह फूल मुरझा सकता है । जिस तरह से पांच अंगुलियाँ बराबर नहीं होती, उसी तरह हर बच्चे एक सामान नहीं होते पर हमारी यह जिम्मेदारी है कि देश रूपी चमन का हर एक फूल अपनी प्रकृति के अनुसार खिले और रौनक बढाये । हमें इसके पौधे को समुचित रूप से खाद और पानी तो देना चाहिए पर इसके nature से छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए । बच्चा स्वयं ही एक अच्छे स्वरुप को प्राप्त कर लेगा । "मंदबुद्धि बच्चा अभिशाप नहीं है!" यह लेख सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (CNS) में 19 सितम्बर 2009 को प्रकाशित हुई । आप इसे CNS की वेबसाइट से पढ़ सकते हैं ।
"रजनीश"
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प्रस्तुत द्वारा: चुन्नीलाल (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस)
मैंने हमेसा से इस बात पर जोर दिया है की बच्चे एक फूल की तरह होते हैं । यदि उन्हें सही environment ना मिले तो यह फूल मुरझा सकता है । जिस तरह से पांच अंगुलियाँ बराबर नहीं होती, उसी तरह हर बच्चे एक सामान नहीं होते पर हमारी यह जिम्मेदारी है कि देश रूपी चमन का हर एक फूल अपनी प्रकृति के अनुसार खिले और रौनक बढाये । हमें इसके पौधे को समुचित रूप से खाद और पानी तो देना चाहिए पर इसके nature से छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए । बच्चा स्वयं ही एक अच्छे स्वरुप को प्राप्त कर लेगा । "मंदबुद्धि बच्चा अभिशाप नहीं है!" यह लेख सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (CNS) में 19 सितम्बर 2009 को प्रकाशित हुई । आप इसे CNS की वेबसाइट से पढ़ सकते हैं ।
"रजनीश"
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1 comment:
चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सार्थक लेखन के लिए धन्यवाद.
जारी रहें. शुभकामनाएं.
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समाज और देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए व बहस में शामिल होने के लिए भाग लीजिये व लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
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