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Thursday, June 17, 2010
जल संकट
जल संकट गहराया भाई भई समस्या बड़ी कठिन
भूमिगत जल का स्तर गिरता जाता दिन प्रतिदिन
रस्सी लाना पानी भरना गाँवों में घर घर का प्रचलन
चार महीने सूखे फिर रहना बूँद बूँद का बड़ा जतन
जिन नदियों में कभी न टूटी पानी वाली धारा
छोटे छोटे कुंड में बिखरा गर्मी में जल सारा
कर्ज से कर्ज का सूद चुकाकर नलकूप कराती जनता
मीठा जल पर बिन पैंसों के बिन बरसात न बनता
अटके प्राण असाढ़ गले में घंटों पीटे पम्पा
मानसून दस्तक दे जाए तो भगवन अनुकम्पा
बर्षा में जल का संचय चीख चीख धरती करे पुकार
वृक्षारोपण से न होगा जल बिन कल मानव लाचार
कहे रजनीश मिल जुल हम सब करें जतन
जब जल न होगा न होगा कल धरा पे जीवन
रचयिता - रजनीश शुक्ला (रीवा, म. प्र।)
*Photo from http://photos.merinews.com/newPhotoLanding.jsp?imageID=11484
Wednesday, June 9, 2010
Some good facts about India
[*Video- http://www.youtube.com/watch?v=rpC7roP1mYY&feature=player_embedded के सौजन्य से साभार ]
By: Rupesh Pandey,
Guest Author,
Bharat Nav Nirman (Evolving New India)
These facts came to me through a mail chain. So I don't know the exact source from where it originated. I realized the Bharat Nav Nirman is the best place to share it with all of you.
Q. Who is the GM of Hewlett Packard (hp) ?
A. Rajiv Gupta
Q. Who is the creator of Pentium chip (needs no introduction as 90% of the today's computers run on it)?
A. Vinod Dahm
Q. Who is the 4'th richest man of the world?
A. According to the latest report on Forbes Magazine, it is Mukesh Ambani
Q. Who is the founder and creator of Hotmail (Hotmail is world's No.1 web based email program)?
A. Sabeer Bhatia
Q. Who is the president of AT & T-Bell Labs (AT & T-Bell Labs is the creator of program languages such as C, C++, Unix to name a few)?
A. Arun Netravalli
Q. Who is the new MTD (Microsoft Testing Director) of Windows 2000, responsible to iron out all initial problems?
A. Sanjay Tejwrika
Q. Who are the Chief Executives of CitiBank?
A. Vikram Pandit
Indians are the wealthiest among all ethnic groups in America , even faring better than the whites and the natives.
There are 3.22 millions of Indians in USA (1.5% of population).
38% of doctors in USA are Indians.
12% scientists in USA are Indians.
36% of NASA scientists are Indians.
34% of Microsoft employees are Indians.
28% of IBM employees are Indians.
17% of INTEL scientists are Indians.
13% of XEROX employees are Indians.
Some of the following facts may be known to you. These facts were recently published in a German magazine, which deals with WORLD HISTORY FACTS ABOUT INDIA:
1.India never invaded any country in her last 1000 years of history.
2. invented the Number system. Zero was invented by Aryabhatta.
3. The world's first University was established in Takshila in 700BC. More than 10,500 students from all over the world studied more than 60 subjects.. The University of Nalanda built in the 4 th century BC was one of the greatest achievements of ancient India in the field of education.
4. According to the Forbes magazine, Sanskrit is the most suitable language for computer software.
5. Ayurveda is the earliest school of medicine known to humans.
6. Although western media portray modern images of India as poverty striken and underdeveloped through political corruption, India was once the richest empire on earth.
7. The art of navigation was born in the river Sindh 5000 years ago. The very word 'Navigation' is derived from the Sanskrit word NAVGATIH.
8. The value of pi was first calculated by Budhayana, and he explained the concept of what is now known as the Pythagorean Theorem. British scholars have (1999) officially published that Budhayan's works dates to the 6 th Century which is long before the European mathematicians.
9. Algebra, trigonometry and calculus came from India . Quadratic equations were by Sridharacharya in the 11 th Century; the largest numbers the Greeks and the Romans used were 106 whereas Indians used numbers as big as 10 53.
10. According to the Gemmological Institute of America, up until 1896, India was the only source of diamonds to the world.
11. USA based IEEE has proved what has been a century-old suspicion amongst academics that the pioneer of wireless communication was Professor Jagdeesh Bose and not Marconi.
12. The earliest reservoir and dam for irrigation was built in Saurashtra.
13. Chess was invented in India.
14. Sushruta is the father of surgery. 2600 years ago he and health scientists of his time conducted surgeries like cesareans, cataract, fractures and urinary stones. Usage of anaesthesia was well known in ancient India.
15. When many cultures in the world were only nomadic forest dwellers over 5000 years ago, Indians established Harappan culture in Sindhu Valley ( Indus Valley Civilisation).
16. The place value system, the decimal system was developed in India in 100 BC.
Quotes about India:
"We owe a lot to the Indians, who taught us how to count, without which no worthwhile scientific discovery could have been made."
Albert Einstein.
"India is the cradle of the human race, the birthplace of human speech, the mother of history, the grandmother of legend and the great grand mother of tradition."
Mark Twain.
"If there is one place on the face of earth where all dreams of living men have found a home from the very earliest days when man began the dream of existence, it is India ."
French scholar Romain Rolland.
"India conquered and dominated China culturally for 20 centuries without ever having to send a single soldier across her border."
Hu Shih
(former Chinese ambassador to USA )
All of the above is just the tip of the iceberg, the list could be endless. But, if we don't see even a glimpse of that great India in the India that we see today, it clearly means that we are not working up to our potential; and that if we do, we could once again be an ever-shining and inspiring country setting a bright path for rest of the world to follow.
I hope you enjoyed it and work towards the welfare of India .
*Photo by Rishabh for Bharat Nav Nirman only
Wednesday, May 26, 2010
कालिदास का अंहकार
अतिथि लेखक,
भारत नव निर्माण (Evolving New India)
बच्ची ने कहा- " आप कौन हैं? मैं आपको जानती भी नहीं, पहले अपना परिचय दीजिए"
कालिदास को लगा कि मुझे कौन नहीं जानता मुझे परिचय देने की क्या आवश्यकता? किंतु फिर भी प्यास से बेहाल वो बोले-" बालिके अभी तुम छोटी हो इसलिये मुझे नहीं जानती। घर में कोई बङा हो तो उसको भेजो। वो मुझे देखते ही पहचान लेगा। मेरा बहुत नाम और सम्मान है। दूर-दूर तक, मैं बहुत बलवान व्यक्ति हूँ।"
कालिदास के बङबोले घमण्ड भरे वचनों से अप्रभावित बालिका बोली " आप असत्य कह रहें हैं, संसार में सिर्फ दो ही बलवाल हैं, और उन दोनो को मैं जानती हूँ, अपनी प्यास बुझाना चाहते हैं तो उन दोनों का नाम बातायें?"
थोङी देर सोचकर कालिदास बोले " मुझे नहीं पता, तुम ही बता दो, मगर मुझे पानी पिला दो मेरा गला सूख रहा है।"
बालिका बोली " दो बलवान हैं 'अन्न' और 'जल' , भूख और प्यास में इतनी शक्ति है कि बङे से बङे बलवान को भी झुका दें, देखिए तेज़ प्यास ने आपकी क्या हालत बना दी।"
कलिदास चकित रह गये, लङकी का तर्क अकाट्य था, बङे से बङे विद्वानों को पराजित कर चुके कालिदास एक बच्ची के सामने निरुत्तर खङे थे।
बालिका ने पुनः पूछा "सत्य बतायें, कौन हैं आप?" वो चलने की तैयारी में थी, कालिदास थोङे नम्र होकर बोले "बालिके! मैं बटोही हूँ"
मुस्कुराते हुए बच्ची बोली " आप अभी भी झूठ बोल रहे हैं, संसार में दो ही बटोही हैं, उन दोनों को मैं जानती हूँ, बताईये वो दोनों कौन हैं?" तेज़ प्यास ने पहले ही कालिदास जी की बुद्धि क्षीण कर दी थी, किंतु लाचार होकर उन्होंने फिर अनभिज्ञता व्यक्त कर दी। बच्ची बोली "आप स्वयं को बङा विद्वान बता रहे हैं और ये भी नहीं जानते? एक स्थान से दूसरे पर बिना थके जाने वाला बटोही कहलाता है, बटोही दो ही हैं, एक चंद्रमा और दूसरा सूर्य जो बिना थके चलते रहते हैं, आप तो थक गये हैं, भूख प्यास से बेदम हो रहे हैं, आप कैसे बटोही हो सकते हैं"इतना कहकर बालिका ने पानी से भरा मटका उठाया और झोपड़ी के भीतर चली गयी।
अब तो कालिदास और भी दुखी हो गये। इतने अपमानित वो जीवन में कभी नहीं हुए। प्यास से शरीर की शक्ति घट रही थी। दिमाग़ चकरा रहा था। उन्होंने आशा से झोपड़ी की तरफ़ देखा। तभी अंदर से एक वृद्ध स्त्री निकली। उसके हाथ में खाली मटका था। वो कुऐं से पानी भरने लगी। अब तक काफी विनम्र हो चुके कालिदास बोले- " माते प्यास से मेरा बुरा हाल है , भर पेट पानी पिला दीजिए बड़ा पुण्य होगा।"
बूढ़ी माँ बोलीं" बेटा मैं तुम्हे जानती नहीं, अपना परिचय दो मैं अवश्य पानी पिला दूँगी।"
"मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें"
" तुम मेहमान कैसे हो सकते हो? संसार में दो ही मेहमान हैं। पहला धन और दूसरा यौवन, इन्हें जाने में समय नहीं लगता, सत्य बताओ कौन हो तुम?"
अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश कालिदास बोले " मैं सहनशील हूँ, पानी पिला दें"
"नहीं, सहनशील तो दो ही हैं, पहला धरती, पापी पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है, उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भण्डार देती है, दूसरा पेड़ जिनको पत्थर मारो फिर भी मीठे फल देते हैं, तुम सहनशील नहीं , सच बाताओ कौन हो?" कालिदास जी लगभग मूर्छा की स्थिती में आ गये, और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले " मैं हठी हूँ"
"फिर असत्य , हठी तो दो ही हैं, पहला नख और दूसरा केश , कितना भी काटो बार-बार निकल आते हैं, सत्य कहें ब्राह्मण कौन हैं आप?" पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके कालिदास ने कहा " फिर तो मैं मूर्ख ही हूँ"
"नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो, मूर्ख दो ही हैं, पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब पर शासन करता है, और दूसरा दरबारी पंडित जो राजा को प्रसन्न करने के लिये ग़लत बात पर भी तर्क करके उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा करता है" कुछ बोल न सकने की स्थिती में कालिदास वृद्धा के पैर पर गिर पड़े और पानी की याचना करने लगे। " उठो वत्स" ये आवाज़ सुनकर जब कालिदास ने ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहाँ खड़ी थी, कालि जी पुनः नतमस्तक हो गये। "शिक्षा से ग्यान आता है न कि अहंकार , तूने शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा को ही अपनी उपलब्धि मान लिया और अहंकार कर बैठे इसलिये मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने के लिये ये स्वांग करना पड़ा" कालिदास को अपनी गलती समझ आयी और भरपेट पानी पीकर आगे चल पड़े।
Saturday, May 22, 2010
Life Is For Everyone -Life Is Good
Guest Author,
Bharat Nav Nirman (Evolving New India)
Is this my Place??
Where I have landed in peace..
I am a tenant of this piece,
with a fixed period of lease..
We are called back,
for a new agreement.
may or may not be for the same piece,
with altogether a different settlement.
Some are called before the lease expiry,
as their agreement was initially temporary.
But their stay costs in currency of love,
once in loss, never can imagine the pain of above.
Agreement is nothing big,
as simple to spread.
Feeling of love,
Caring of pain,Sharing of bread.
We agree there..
Do we follow here??
Is it difficult to keep up...
Hence,relationships arebeing created.
Who are we to control others,
What are we controlled of?
When we can't control other's hunger,
then try only to control anger.
Smile gets back smile,
tears may not get tears..
He who owns us only hears,
with his magic touch everything smoothly sail.
Friendship is a form,
Parents show another,
Special person brings something more........LOVE
With this I say..
Yes this is " My Sweet Place".
Friday, May 21, 2010
10 Characteristics Of A Good Project
1)Development From Scratch:
In a good project we have Business Requirement Documents (BRDs) not only for enhancement of the current version of program but also those which require development from scratch.
2) Multi Skilled:
From developer perspective a good project might require one primary skill but also provide a platform to enhance at least 2 secondary skills.
3)Throughput Oriented:
The primary thing is OQD: On Time Quality Deliverables. What time, Where and How are you doing are secondary things. This kind of flexibility is achieved by very good LOE:Level Of Estimation.
4)Complete Functional & Technical Exposure:
In a good project one team player might be developer for one BRD. QA (Tester) for the other one. Owner and responsible for end to end solution delivery for some other BRDs.
5)High Integrity:
A good project might have multiple programs running in parallel. But overall impression should be it's a single program having only one team. A member of the team is taking a lot of interest on activities of others in another team. One should be able to easily take roles and responsibilities of other as per requirement.
6) Transparency:
In a good project roles and responsibilities of one are not only limited to manager. But it should be very clear to every one in the team.
7)Regular Project Sync up Meetings:
Even 5 days in a week if required. It's a very effective way to maintain High Integrity & Transparency.
8)Quality One to One:
Manager is always open for one to one meeting with employee. Roles and responsibilities are distributed over months. In one to one meeting expectations and accomplishments are discussed for the current months rather than using generic words.
If due to some restrictions manager is not able to do some thing in employee favor, he should share clear reasons rather than blaming on employee. Manager is convincing very well, he will try to compensate it by some other means in upcoming days.
9)No Boundaries to Limit Capabilities:
Members are getting proper motivation and appreciation for initiative and decision making.
10) Quality Documentations:
BRDs, HLDs, LLDs, Unit test plan and cases, QA test plan and cases, UAT test-cases, Support Training Documents etc are created and maintained in proper and planned way.
Friday, May 14, 2010
महत्वपूर्ण है: ख़ास मित्र के साथ दो कप चाय
संकलन कर्ता : दिनेश चंद्र वार्श्नेय
http://www.arthkaam.com/ के सौजन्य से साभार
जीवन में जब सब कुछ एक साथ और जल्दी -जल्दी करने की इच्छा होती है, सब कुछ तेजी से पा लेने की इच्छा होती है, और हमें लगने लगता है कि दिन के चौबीस घंटे भी कम पड़ते हैं , उस समय में बोध कथा "कांच की बरनी और २ कप चाय" हमें याद आती है। दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर कक्षा में आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे आज जीवन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाने वाले हैं। उन्होंने अपने साथ लाई एक कांच के बरनी (जार) टेबल पर रखी और उसमे टेबल टेनिस की गेंदे डालने लगे और तब तक डालते रहे जब तक उसमे एक भी गेंद सामने की जगह नहीं बची। उन्होंने छात्रों से पूंछा क्या बरनी पूरी भर गयी ? हाँ आवाज़ आयी फिर प्रोफ़ेसर साहब ने छोटे -छोटे कंकर उसमे भरने शुरू किये , धीरे- धीरे बरनी को हिलाया तो काफी सारे कंकर उसमे जहाँ जगह खाली थी , समां गए, फिर से प्रोफ़ेसर साहेब ने पूंछ- क्या बरनी भर गयी, छात्रों ने एक बार फिर हाँ कहा। अब प्रोफ़ेसर साहब ने रेत की थैली से हौले-हौले उस बरनी में रेत डालना शुरू किया, वह रेत भी उस जार में जहाँ संभव था बैठ गयी। अब छात्र अपनी नादानी पर हँसे, फिर प्रोफ़ेसर साहब ने पूंछा क्यों अब तो यह बरनी पूरी भर गयी है ना ? हाँ अब तो पूरी भर गयी सभी ने एक स्वर में कहा । सर ने टेबल के नीचे से चाय के २ कप निकाल कर उसमें की चाय जार में डाली चाय भी रेत के बीच में स्थित थोड़ी सी जगह में सोख ली गयी । प्रोफ़ेसर साहब ने गंभीर आवाज़ में समझाना शुरू किया इस कांच की बरनी को तुम लोग अपना जीवन समझो । टेबल टेनिस की गेंदे सबसे महत्वपूर्ण भाग अर्थात अन्य जीवों की सहायता करना , परिवार, बच्चे, मित्र, स्वास्थ्य, और शौक हैं । छोटे-छोटे कंकर मतलब तुम्हारी नौकरी, कार, बड़ा मकान आदि है । रेत का मतलब और भी छोटी - छोटी बेकार सी बातें , मनमुटाव, झगडे हैं । अब यदि कांच की बरनी में तुमने सबसे पहले रेत भरी होती तो टेबल टेनिस की गेंदों और कंकरों के लिए जगह ही नहीं बचती, या कंकर भर दिए होते, तो गेंद नहीं भर पाते, रेत जरूर आ सकती थी । ठीक यही बात जीवन पर भी लागू होती है। यदि तुम छोटी छोटी बातों के पीछे पड़े रहोगे तो तुम्हारे पास मुख्य बातों के लिए अधिक समय नहीं रहेगा, मन के सुख के लिए क्या जरूरी है, ये तुम्हे तय करना है अपने बच्चों के साथ खेलो, बगीचे में पानी डालो, सुबह पत्नी के साथ घूमने निकल जाओ, घर के बेकार सामान को बाहर निकाल फेंको, मेडिकल चेकअप करवाओ, टेबल टेनिस की गेंदों की फ़िक्र पहले करो । वही महत्वपूर्ण है पहले तय करो की क्या जरूरी है ? बाकी सब तो रेत है। छात्र बड़े ध्यान से सुन रहे थे । अचानक एक ने पूंछा सर लेकिन आपने यह नहीं बताया कि चाय के दो कप क्या हैं? प्रोफ़ेसर मुस्कुराए और बोले मैं सोच ही रहा था कि अभी तक ये सवाल किसी ने क्यूं नहीं किया । इसका उत्तर यह है कि जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे लेकिन अपने ख़ास मित्र की साथ दो कप चाय पीने की जगह हमेसा होनी चाहिए ।
*Photo by Rajneesh Shukla for Bharat Nav Nirman Only
Monday, April 26, 2010
Global Warming : An individual awareness
Written by: S. Jaganathan
The world of change is affecting mankind drastically , just thinking a bit on the reason for the change and solution for the bad effects ,the answer without any doubt is : Human Being. Being the most intelligent species on this earth, we need to be aware on certain things.
"Control + S= Save" in computer terms.
Control + Yes : Save World for Global Welfare.
Control: Poaching + Yes: Save Animals .
Control: Wastage of water + Yes: Save Drought.
Control: Cutting of trees & Plants + Yes: Save Forests.
Control: Pollution + Yes: Save natural resources.
Control: Wastes ( Recycling) +Yes: Save surroundings.
In general , we are all aware what's going wrong surrounding us, we can never deny the fact one doesn't know , how smoking affects our health. But , even then the smoking rate is progressive . Just being aware , we all continue to do some or the other things which might lead in destructive results not only to us, but also to this common address of all us i.e, 'Earth'.Even though we might not be the reason for the solution, lets be the cause for suggestion.Lets suggest ourselves in what we need to focus on. Global warming is just not caused due to the reason's above, our ecological balance has collapsed. Irregularities everywhere. Global WAR'ming in a different dimension... Trust, Love, Dependency,Care, Sharing these words are slowly loosing its value..The world is becoming itself independent.. We just can't imagine the sun and moon being independent....We can't imagine our solar system being independently operated..We can't imagine nature to behave independently . If all of the above occurs, we might have to experience global warming and more severe natural disasters .Let's love mankind and let mankind love " The Mother Nature" Let's try to protect & survive as well. To add more value to this post in Bharat Navnirman blog, I felt its worth to share a video which was shared to me by a friend of mine.
I am sorry , I am unable to provide exact information on the courtesy of the video , in any case thanks to QUERCUS , for that touching and thoughtful video.
Sunday, April 25, 2010
Tobacco:It's a poison
- Avoiding tobacco adds 20 years to the life of a teenager.
- In India, 900,000 people die due to tobacco related diseases per year.
- In India The tobacco contributes to 56.4% and 44.9% of cancers in men and women, respectively.
- India has the largest number of oral cancer cases in the world which is due to tobacco.
- Tobacco smoking accounts for 82% of Chronic obstructive lung disease in India.
- Tobacco indirectly causes lung tuberculosis.
- The heavier the smoking, either cigarettes or bidis, the greater the prevalence of TB among smokers.
- It is estimated that India as compared to any other country will have the fastest rise in tobacco related deaths each year.
*HEALTHY-INDIA.ORG के सौजन्य से साभार
Photo by Dinesh Chandra Varshney for Bharat Nav Nirman only
Saturday, April 24, 2010
RULE OF LIFE
1:Assume nothing
2:Expect little
3:Do more
4:Demand less
5:Smile often
6:Dream big
7:laugh a lot
8:pray always
Wednesday, April 21, 2010
Streanth is life
statue of Mother India
Swami Vivekanand:
Standup, Be bold, Be Strong
Take the whole responsibility
On your own shoulders,
And know that you are creator of your own destiny
It is the coward and the fool, who says,
“This is fate “- so says the Sanskrit proverb.
But it is the strong man who stands up and says, I will make my fate.
Streanth is life,
Weakness is death
Streanth is felicity,
Life eternal,immortal;
Wealness is constrant strain and
Misery; weakness is death.
Anything that makes you weal physically,
Intellectually, and spiritually, reject as poision.
There is no life in it, it can not be true. Truth is strengthening.
Truth is purity. Truth is all knowledge.
*Photo by Dinesh Chandra Varshney for Bharat Nav Nirman only
Thursday, April 15, 2010
सफलता के सात आध्यात्मिक नियम
जीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।
१)अच्छा स्वास्थ्य,
२)ऊर्जा,
३)मानसिक स्थिरता,
४)अच्छा बनने की समझ और
५) मानसिक शांति आवश्यक है।
“एजलेस बाडी, टाइमलेस माइंड” और “क्वांटम हीलिंग” जैसी 26 लोकप्रिय पुस्तकों के लेखक डा.चोपड़ा के अनुसार सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति में
१)विशुद्ध सामर्थ्य,
२)दान,
३)कर्म,
४)अल्प प्रयास,
५)उद्देश्य और इच्छा,
६)अनासक्ति और धर्म का होना आवश्यक है।
पहला नियम:
विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है। प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए और हर जैविक वस्तु की बौद्धिक शक्ति का चुपचाप अवलोकन करना चाहिए। शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।विशुद्ध सामर्थ्य को पाने की एक अन्य विधि अनिर्णय का अभ्यास करना है। सही और गलत, अच्छे और बुरे के अनुसार वस्तुओं का निरंतर मूल्यांकन है –“निर्णय’ । व्यक्ति जब लगातार मूल्यांकन, वर्गीकरण और विश्लेषण में लगा रहता है, तो उसके अन्तर्मन में द्वंद्व उत्पन्न होने लगता है जो विशुद्ध सामर्थ्य और व्यक्ति के बीच ऊर्जा के प्रवाह को रोकने का काम करता है। चूंकि अनिर्णय की स्थिति दिमाग को शांति प्रदान करती है. इसलिए व्यक्ति को अनिर्णय का अभ्यास करना चाहिए। अपने दिन की शुरुआत इस वक्तव्य से करनी चाहिए- “आज जो कुछ भी घटेगा, उसके बारे में मैं कोई निर्णय नहीं लूंगा और पूरे दिन निर्णय न लेने का ध्यान रखूंगा।”
दूसरा नियम:
सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है।- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । व्यक्ति जो पाना चाहता है, उसे दूसरों को देने की तत्परता से संपूर्ण विश्व में जीवन का संचार करता रहता है।देने के नियम का अभ्यास बहुत ही आसान है। यदि व्यक्ति खुश रहना चाहता है तो दूसरों को खुश रखे और यदि प्रेम पाना चाहता है तो दूसरों के प्रति प्रेम की भावना रखे। यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।
तीसरा नियम:
सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है॥ हमारे विचार, शब्द और कर्म। वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।कर्म, कारण और प्रभाव के नियम पर इन बातों पर ध्यान देकर आसानी से अमल किया जा सकता है... आज से मैं हर चुनाव का साक्षी रहूंगा और इन चुनावों के प्रति पूर्णतः साक्षीत्व को अपनी चेतन जागरूकता तक ले जाऊंगा। जब भी मैं चुनाव करूंगा तो स्वयं से दो प्रश्न पूछूंगा.. जो चुनाव मैं करने जा रहा हूं. उसके नतीजे क्या होंगे और क्या यह चुनाव मेरे और इससे प्रभावित होने वाले लोगों के लिए लाभदायक और इच्छा की पूर्ति करने वाला होगा। यदि चुनाव की अनुभूति सुखद है तो मैं यथाशीघ्र वह काम करूंगा लेकिन यदि अनुभूति दुखद होगी तो मैं रुककर अंतर्मन में अपने कर्म के परिणामों पर एक नजर डालूंगा। इस प्रकार मैं अपने तथा मेरे आसपास के जो लोग हैं. उनके लिए सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकूंगा।.
चौथा नियम:
पांचवा नियम:
सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। सत्य तो यह है कि क्वांटम क्षेत्र में ऊर्जा और ज्ञान के अलावा और कुछ है ही नहीं। यह क्षेत्र विशुद्ध चेतना और सामर्थ्य का ही दूसरा रूप है। जो उद्देश्य और इच्छा से प्रभावित रहता है।ऋग्वेद में उल्लेख है॥ प्रारंभ में सिर्फ इच्छा ही थी जो मस्तिष्क का प्रथम बीज थी। मुनियों ने अपने मन पर ध्यान केन्द्रित किया और उन्हें अर्न्तज्ञान प्राप्त हुआ कि प्रकट और अप्रकट एक ही है। उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा॥ उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो। व्यक्ति को अपने प्रत्येक कर्म में वर्तमान के प्रति सतर्कता का अभ्यास करना होगा और उसे ज्यों का त्यों स्वीकार करना होगा लेकिन उसे साथ ही अपने भविष्य को उपयुक्त इच्छाओं ओर दृढ उद्देश्यों से संवारना होगा।
छठवां नियम:
सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपने उद्देश्यों को ही छोड दे । उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है। उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है। उसे स्वयमेव मिल जाता है।अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा॥ आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। चीजों को कैसा होना चाहिए। इस विषय पर भी अपनी राय किसी पर थोपूंगा नहीं। मैं जबरदस्ती समस्याओं के समाधान खोजकर नयी समस्याओं को जन्म नहीं दूंगा। मैं चीजों को अनासक्त भाव से लूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा। मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।॥
सातवां नियम:
सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। संस्कृत में धर्म का शाब्दिक अर्थ..जीवन का उद्देश्य बताया गया है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।