डॉ संदीप पाण्डेय एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के इस छात्र ने USA से phd की डिग्री लेने के बाद इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अध्यापन का कार्य किया । बाद में पूरा समय सामाजिक सेवा में लगाने के भाव से यह पद भार छोड़ दिया । भारत नव निर्माण के पाठकों को इस सामाजिक कार्यकर्ता के बारें में जानकारी देने के उद्देश्य से मैंने यहाँ एक वीडियो का URL include किया है । WEBINDIA123.COM के सौजन्य से साभार ।
"रजनीश"
Click here to watch vedio
लेखिका : डॉ० दीप्ति मिश्रा
प्रस्तुत द्वारा: चुन्नीलाल (सिटिज़न न्यूज़ सर्विस)
मैंने हमेसा से इस बात पर जोर दिया है की बच्चे एक फूल की तरह होते हैं । यदि उन्हें सही environment ना मिले तो यह फूल मुरझा सकता है । जिस तरह से पांच अंगुलियाँ बराबर नहीं होती, उसी तरह हर बच्चे एक सामान नहीं होते पर हमारी यह जिम्मेदारी है कि देश रूपी चमन का हर एक फूल अपनी प्रकृति के अनुसार खिले और रौनक बढाये । हमें इसके पौधे को समुचित रूप से खाद और पानी तो देना चाहिए पर इसके nature से छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए । बच्चा स्वयं ही एक अच्छे स्वरुप को प्राप्त कर लेगा । "मंदबुद्धि बच्चा अभिशाप नहीं है!" यह लेख सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (CNS) में 19 सितम्बर 2009 को प्रकाशित हुई । आप इसे CNS की वेबसाइट से पढ़ सकते हैं ।
"रजनीश"
Click to read the article
लेखकः संदीप पाण्डेय
यह कहानी सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (CNS) में ५ सितम्बर २००९ को प्रकाशित हुई । पाठक गण इस कहानी को CNS की वेबसाइट से पढ़ सकते हैं । यह कहानी उदहारण है :कैसे गांव और देश की जनता विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बन सकती है ।
Click to read the story
लेखकः रजनीश शुक्ला ,रीवा (म. प्र.)गांवों की पंचायती राज व्यवस्था की पोल खोलता एक व्यंग्य । इसमें मुखिया रामदीन को एक ऐसे दीमक के रूप में चित्रित किया गया है जो गांव की संस्कृति को चट कर रहा है ।
Click to read entire content