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उठो जागो भ्रस्टाचार मिटाना है
मिलजुल अपना फर्ज निभाना है
शासक सुधरें तो शासन सुधरे
उन सबसे पहले हम सुधरें
ना अन्याय होगा ना शोषण होगा
सबका समभाव से पोषण होगा
जब भ्रस्टाचार मुक्त तंत्र होगा
तब भारत हमारा स्वतंत्र होगा |
अन्याय का विरोध है आवश्यक
समाज का साथ उससे आवश्यक
जो सशक्त हैं रिश्वत लेना बंद करें
जो अशक्त हैं रिश्वत देना बंद करें
ना कोई लाचार होगा ना बेकार होगा
सबका समभाव से रोजगार होगा
जब भ्रस्टाचार मुक्त तंत्र होगा
तब भारत हमारा स्वतंत्र होगा |
गांवों में पक्की सडको का विस्तार
जन जन को शिक्षा का अधिकार
जो भ्रष्ट हैं प्रगति पथ के अवरोही
जो तटस्थ हैं कहलायेंगे देस द्रोही
ना वो जारजार होगा ना दुत्कार होगा
सबका समभाव से उपचार होगा
जब भ्रस्टाचार मुक्त तंत्र होगा
तब भारत हमारा स्वतंत्र होगा |
सत्य सनातन पथ का अनुरोध
अबला पर अत्याचार का विरोध
'रजनीश' नव भारत रूपी होगा भोर
जो ना सुधरें देना होगा दंड कठोर
ना मान होगा ना अभिमान होगा
सबका समभाव से सम्मान होगा
जब भ्रस्टाचार मुक्त तंत्र होगा
तब भारत हमारा स्वतंत्र होगा |
*Photo from (With Thanks):
Mayank Bhatnagar
graphicreflection.org
2 comments:
बहुत बढिया विचार हैं, सच्चाई का रास्ता कठिन और काँटो से भरा है,बहुत कम लोग इस पर चल पाते हैं, ५ मिनट बचाने के लिये १०० रु घूस देने में संकोच नहीं करते यहीं से भ्रष्टाचारियों को बल मिलता है,और अब तो हालात ऐसे बन गये हैं कि ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय बना दिया गया है और 'सुविधा शुल्क' अघोषित कानून बन गया है।ऐसा व्यक्ति जिसने आज तक किसी काम को कराने के लिये 'सुविधा शुल्क या घूस ' न दी हो चिराग लेकर ढूँढने से भी नहीं मिलेगा।
bhrastachar ek deemak kee tarah desh ko chat kar raha hai...bhrastachar mitao desh bachao
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