tag:blogger.com,1999:blog-1667011777644143328.post2642743812268656970..comments2023-08-17T01:09:43.659-07:00Comments on BHARAT NAV NIRMAN(Evolving New India): अबोधRajneesh Shuklahttp://www.blogger.com/profile/17741674748064206043noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1667011777644143328.post-59929751577988699522009-12-13T00:13:19.289-08:002009-12-13T00:13:19.289-08:0013-Dec-2009,
Chandra Prakash Tiwari,
Indian Air Fo...13-Dec-2009,<br />Chandra Prakash Tiwari,<br />Indian Air Force,<br />Yalanka, Bangalore<br /><br />अबोध शब्द का इस मानव जीवन में बहुत महत्व है | सभी मानवीय भावनाएं अबोध से ही परिपक्वता की ओर अग्रेसित हुई हैं | वास्तव में कहा जाये तो अबोध ही दुनिया का भविष्य है | यह बात सर्वमान्य है की बच्चे कुम्हार की कच्ची मिट्टी के समान हैं | जैसे कुम्हार कच्ची मिट्टी को चाक पर रखकर उसे तरासकर मिट्टी को विभिन्न प्रकार की आकृति देता रहता है , जैसे मिट्टी से बने देवी देवताओं की लोग मंदिर शिवालयों में पूजा करते हैं ,यदि वही अबोध रूपी मिट्टी कल का भविष्य और तारनहार है तो उसकी अवहेलना क्यूं ? क्यूं उसका महत्व नगण्य समझा जाए | यह बहुत अनुचित है की इनके पालन पोषण में जाने अनजाने में कोताही बरती जाती है |<br />बच्चों के मन की सवेंदन शील भावनाओं को बहुत बढ़िया तरीके से आरेखित किया है भारत नव निर्माण ने | good work & keep it up !!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1667011777644143328.post-66117838016671309132009-08-17T22:58:32.831-07:002009-08-17T22:58:32.831-07:00"मेरे पालक उपकार बड़ा हो जो पढ़ पाओ मेरा मन
मै..."मेरे पालक उपकार बड़ा हो जो पढ़ पाओ मेरा मन<br />मै तो हूँ मिट्टी कुम्हार की बनाओ गाँधी या वीरप्पन"<br /><br />Bahut khoob!!Rupesh Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16640501411537608668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1667011777644143328.post-37506847315060027512009-08-17T22:38:59.116-07:002009-08-17T22:38:59.116-07:00Sir, aapki baat hi alag hai. Kya likha hai, mind b...Sir, aapki baat hi alag hai. Kya likha hai, mind blowing. Kya grip hai yar teri language me. tooooo good.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13818465970977749986noreply@blogger.com